चंचल स्वराष्ट्र के बाल सुमन
चंचल स्वराष्ट्र के बाल सुमन, गर्वित हो इनसे हर आंगन, समय चक्र में चलते जाए, जीवन रोशन करते जाए, इतिहास लिखेंगे ये ऐसा, सब करते रहेंगे अभिनंदन। मै तो अंश हूं भारत मां का, इसी वंश से जाना जाऊ, रहु जहां भी इस दुनिया में, हिंदुस्तानी कहलाऊ, नमन करूं में भारत मां को, और करू में अभिनंदन। अशफाक गुरु शेखर सुभाष, इस माटी में पले बड़े, ये माटी तो चंदन है, इसको करता रहूं नमन, इच्छा मेरी इतनी सी है, इसमें ही हो जाऊ दफ़न। युग परिवर्तन हो जाएंगे, उसी राह में हम जाएंगे, रामायण हम पी जाएंगे, उनका जीवन जी जायेंगे, त्याग भावना विकसित होगी, करे राम को सभी नमन। शांतिदूत है देश हमारा, उसी डगर पर चलते है, भगवत गीता के अनुयाई, महाभारत भी रचते है, श्री कृष्ण हमारे नायक है, हम करते है इनका वंदन। चंचल स्वराष्ट्र के बाल सुमन, गर्वित हो इनसे हर आंगन ।
- अशोक गुप्ता Ashok Gupta Sawai Madhapur, Rajasthan