काव्य संगम – यूनाइटेड किंगडम
लंदन, 5 नवंबर: दिवाली के शुभ अवसर पर यूनाइटेड किंगडम में प्रेरणा का संगम, ‘संगम यूके‘, ने एक काव्य संगम का आयोजन किया। इस काव्य संगम का प्रमुख उद्देश्य था यूके में रहने वाले हिंदी काव्य से जुड़े सभी साहित्यकार और काव्य प्रेमी लोगों को एक मंच पर लाना और हिंदी काव्य को उत्सव की भाँति मनाना। इस काव्य संगम में भारत के सुप्रसिद्ध कवि और हिंदी जगत के देदीप्यमान सूर्य श्री अनिल शर्मा जोशी जी, ने मुख्य अतिथि की भूमिका निभायी। श्री अनिल शर्मा जी ने अपनी कविताओं (अमर प्रेम कथा – मेरी और दातों की, बाल मजदूर और दिवाली) के माध्यम से सभी उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
आज के काव्य संगम में, यूनाइटेड किंगडम हिंदी परिवार के विभिन्न संस्थानों (वातायन, हिंदी यू के काव्य संगम इत्यादि) के प्रतिष्ठित लोग शामिल हुए। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथियों में वातायन संस्थान के डॉक्टर पद्मेश्वर गुप्ता जी ने अपनी कविताओं (कबूतर, पश्तैनी घर, पौधा, सीढी इत्यादि) के माध्यम से बहुत ही मार्मिक और वास्तविक विषयों को उजागर किया। हमारी दूसरी विशिष्ट अतिथि, भारतीय उच्चायुक्त लंदन के हिंदी विभाग से श्रीमती नन्दिता शाहू जी ने अपनी कविता ‘पतछड़’ को बहुत ही सराहनीय ढंग से प्रस्तुत किया।
काव्य संगम का संचालन, ‘संगम टीम’ के श्री आशीष मिश्रा जी ने संचालित किया और इस आयोजन में चंदा झा, जीतेन्द्र गुप्ता और योगेश पांडेय जी ने मंच संभाला, साथ ही 16 कवियों को परिचय के साथ मंच पर आमंत्रित किया।
काव्य संगम में, यूनाइटेड किंगडम के प्रमुख कवि और कवियत्रियों ने अपना योगदान दिया। प्रिया जैन ने 21वीं सदी की नारी की बहादुरी पर कविता पढ़ी, शैला खान ने ‘आजाद परिंदा’ और नीतू सिन्हा ने ‘विछड़ गए हम लोग’ पर कविता पढ़ी। रेनू जी ने ‘तलाश’ और प्रवीण रानी ने आज के समय पर अपनी कविता पढ़ी। ऋचा जैन ने ‘नाम’ और ‘झरने’ पर अपनी कविता पढ़ी, आस्था देव ने ‘नारी शक्ति’, ‘अमृत’, और ‘लंदन’ पर कविता पढ़ी और सभी लोगों ने इसका आनंद लिया। इंदु बरोत ने ‘सर्द ऋतु’ पर और इंद्रा जी ने ‘आत्मबोध’ पर अपनी कविता पढ़ी। सीखा जी ने ‘बेचैनी’ पर, तो साक्षी माथुर ने ‘दिवाली’ पर अपनी कविता पढ़ी।
इस अवसर पर, ‘संगम’ के संस्थापक सदस्य डॉ ज्ञान शर्मा जी ने सभी मेहमानों का स्वागत किया और हिंदी के प्रसार-प्रचार में ‘संगम यूके’ संस्था के योगदान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दिवाली का पर्व ‘काव्य संगम’ के साथ मनाना एक अनूठी पहल है, जो यूके में भारतीय संस्कृति को विभिन्न तरीकों से आगे बढ़ाएगा। इस समारोह में, ‘संगम परिवार’ के साथ-साथ और भी भारतीय समुदाय के लोग बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
संतोष पांडेय जी के सारगर्भित धन्यवाद ज्ञापन के साथ ही कार्यक्रम समाप्त हुआ। ‘संगम यूके’ सभी लोगों का आभार व्यक्त करता है और सभी को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं देता है।
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